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साजन दूर न जाना…

आत्मचिंतन
आत्मचिंतन
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साजन प्रीत लगा के दूर न जाना
नैनों से नैना मिला के भूल ना जाना
साजन प्रीत लगा के दूर न जाना

तेरे लिये मैंने सारा जग छोड़ा
धन और दौलत से नाता है तोड़ा
मेरा सब कुछ तू हीं था, तेरा सब कुछ मैं हीं था
क्या हुआ वो तेरा वादा, कहा गया वो तेरा प्यार
भूल गया तू सारे वादे , भूल गया तू मेरा प्यार

तोड़ दिये वो सारे सपने, तोड़ दिये सारे अरमान
भूल गया जो कसमें खाई , ख़त्म हो गया तेरा प्यार
ज़ला दिया मेरे सारे ख़त , मिटा दी मेरी सारी निशानी

पलकों पे ज़ब आंसू आते , साथ में तू भी आता है
रह-रह के मेरे ज़ख्मो में , नमक मिर्च लगता है
भूल गया है तू तो मुझको , मैं न भूल पाया तुझको
ज़िन्दगी तो चलती रहेगी , और लोग मिलते रहेगें

तेरे याद के साथ हीं , ज़िन्दगी ये भी कटती रहेगी
लोग मिलते-बिछड़ते रहेंगे , दुनियां हँसती-रोती रहेगी
ज़िन्दगी तो एक गाड़ी है, ये तो हमेशा चलती हीं रहेगी .

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