आत्मचिंतन
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मन में बसा ले श्याम को
और श्याम गाए जा
दीवाना हो के श्याम का
गुणगान गाए जा
चलती हुई पवन कहे कर याद श्याम को
बहती नदियाँ भी कहे भज ले तू श्याम को
भज ले तू श्याम को-भज ले तू श्याम को
चरणों में आ के बैठ कर सर को झुकाए जामन में बसा ले श्याम को
और श्याम गाए जा
दीवाना हो के श्याम का
गुणगान गाए जासंतों की वाणी बोलती, रम जा तू श्याम में
क्या खोजता है तू बता कण-कण में श्याम है
अन्दर हैं तेरे श्याम जी मन को मनाये जा
दीवाना हो के श्याम का गुण गाए जामन में बसा ले श्याम को
और श्याम गाए जा
दीवाना हो के श्याम का
गुणगान गाए जामहिमा है श्याम नाम की क्या ये तू जान ले
हो जाये कल्याण तेरा तू तो मान ले
पी कर के राम रस यहाँ जीवन सुधार ले
दीवाना हो के श्याम का गुणगान गाए जामन में बसा ले श्याम को
और श्याम गाए जा
दीवाना हो के श्याम का
गुणगान गाए जा
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